Saturday, December 13, 2014

अरे वा पुणे आलं की


एका स्टेशन वर ट्रेन थांबते..
प्रवासी: कोणते स्टेशन आहे?
फलाटा वरचा माणूस: अरे टवळ्या, बाहेर येऊन बघ की स्वत: ..आळशी नुसता
बसल्या जागी पाहिजे सगळं..डोळे फुटले का तुझे?
प्रवासी: अरे वा पुणे आलं की !!
--------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------तुझे नाव झंप्या आहे?
झंप्या : हो..
ज्योतिषी : तुला एक मुलगा आहे?
झंप्या : हो.. ज्योतिषी महाराज
ज्योतिषी : तू आत्ताच पाच किलो गहू घेतले.
झंप्या : तुम्ही अंतर्यामी आहात महाराज.
ज्योतिषी : मुर्खा, पुढच्या वेळी येताना पत्रिका घेऊन ये. रेशनकार्ड नको!
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संता रस्त्याच्या कडेला कार लावून तीचं चाक काढत होता.
संताने विचारले, “का रे, चाक काढतोयस गाडीचं?”
बंता म्हणाला, “फालतू प्रश्न विचारण्यापेक्षा मला मदत कर.
अजून एक चाक काढायचयं, तुला बोर्ड नाही दिसत का समोरचा?”
संतानं बोर्ड पाहिला..त्यावर लिहिलं होतं,
‘पार्किंग फक्त दुचाकी वाहनांकरिता’
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सरः चंप्या मला सांग ही मोठी माणसे दौरे का करतात?
चंप्या: मला वाटत त्यांना मुळव्याधाचा त्रास असतो.
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